शुक्राणुओं (sperm count)की संख्या कैसे बढ़ाये ?

अच्छा स्वास्थ शरीर हर कोई चाहता है चाहे वो शारीरिक हो या मानसिक, ये आप सब जानते होंगे क्या आपने कभी अपने शुक्रनुओ के स्वास्थ्य के बारे में सोचा है? क्या आपका शुक्रनु स्वस्थ है? यदि आपके शुक्रानुयो की संख्या कम है तो आप उसे कैसे बढ़ा सकते हैं? क्या शुक्रानुयो की सांख्य कम होने से कोई समस्या हो सकती है? इस आर्टिकल में हम शुक्राणुओं से सम्बंधित सभी विषयो की चर्चा विस्तार में करेंगे।

"शुक्राणुओं की संख्या कम होने से आपके पिता बनने में समस्या आ सकती है, आपका स्वास्थ्य कहीं न कही ठीक नहीं है, अपने स्वास्थ्य की और आपको अधिक ध्यान देने की आवश्यकता है"

शुक्राणुओं की संख्या बढ़ाने के लिए सबसे पहले आपको अपने दैनिक चर्या में बदलाव करने की जरूरत है, अच्छा या पोस्टिक आहार, रोजाना व्यायाम आपके शुक्रनुओ को सांख्य या गुणवत्ता बढ़ाने में बहुत मदद करता है निचे दिए कुछ तथ्यों और सुझाव दिए गए है जिसे अपनाना से शुक्राणु की गुणवत्ता या सांख्य बढ़ाने में मदद मिलती है।

शुक्राणु की कमी के लक्षण: 

शुक्राणु की कमी (Low Sperm Count) पुरुषों में बांझपन (infertility) का एक आम कारण है। इसे चिकित्सकीय भाषा में ओलिगोस्पर्मिया (Oligospermia) कहा जाता है। शुक्राणु की कमी कई कारणों से हो सकती है, जिनमें शारीरिक, मानसिक और पर्यावरणीय कारण शामिल हैं। 

शारीरिक कारण

  • टेस्टोस्टेरोन और अन्य प्रजनन हार्मोन का असंतुलन शुक्राणु उत्पादन को प्रभावित कर सकता है।

  • अंडकोष की नसों में सूजन शुक्राणु उत्पादन को बाधित करती है।

  • यौन संक्रमण या अन्य संक्रमण से शुक्राणुओं की संख्या और गुणवत्ता पर प्रभाव पड़ सकता है।

  • जन्मजात विकार, जैसे क्लाइनफेल्टर सिंड्रोम, शुक्राणु उत्पादन को सीमित कर सकते हैं।

  • अंडकोष पर चोट लगने या सर्जरी के कारण भी शुक्राणु उत्पादन प्रभावित हो सकता है।

नशीले पदार्थो से बचे

  • धूम्रपान और अत्यधिक शराब का सेवन शुक्राणु की संख्या और गतिशीलता (motility) को कम कर सकता है।

  • अत्यधिक मानसिक तनाव हार्मोन को असंतुलित कर सकता है, जिससे शुक्राणु की गुणवत्ता प्रभावित होती है।

  • पोषण की कमी या जंक फूड का अधिक सेवन शुक्राणु उत्पादन को नुकसान पहुंचा सकता है।

  • बार-बार गर्म पानी से स्नान, लैपटॉप को गोद में रखना, या टाइट कपड़े पहनना शुक्राणु उत्पादन पर प्रभाव डालता है।

आयु और स्वास्थ्य समस्याएं

  • बढ़ती उम्र: उम्र बढ़ने के साथ शुक्राणु उत्पादन धीमा हो सकता है।

  • मोटापा: मोटापा हार्मोनल असंतुलन पैदा करता है, जिससे शुक्राणु की संख्या कम हो सकती है।

  • मेडिकल कंडीशन: जैसे मधुमेह, हाइपरटेंशन और थायरॉइड असंतुलन शुक्राणु उत्पादन को प्रभावित कर सकते हैं।

शुक्राणुओं की सामान्य संख्या

शुक्राणुओं की सामान्य संख्या एक स्वस्थ पुरुष के वीर्य में प्रति मिलीलीटर लगभग 15 मिलियन से 200 मिलियन होती है। इसे विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) द्वारा मान्यता प्राप्त मानक माना जाता है। यदि शुक्राणु संख्या 15 मिलियन प्रति मिलीलीटर से कम हो, तो इसे शुक्राणु की कमी (ओलिगोस्पर्मिया) माना जाता है।

लो स्पर्म काउंट का निदान

लो स्पर्म काउंट का निदान डॉक्टर द्वारा किए गए विभिन्न परीक्षणों से होता है। मुख्य परीक्षण है वीर्य विश्लेषण, जिसमें शुक्राणुओं की संख्या, गति और आकार की जांच की जाती है। इसके अलावा, हार्मोन जांच, स्क्रोटल अल्ट्रासाउंड, और आनुवंशिक परीक्षण भी किए जा सकते हैं। सही निदान से प्रभावी उपचार संभव है

शुक्राणु की कमी से बचाव

शुक्राणु की कमी से बचाव के लिए स्वस्थ जीवनशैली अपनाना आवश्यक है। संतुलित आहार लें, जिसमें विटामिन, जिंक और एंटीऑक्सीडेंट से भरपूर खाद्य पदार्थ शामिल हों। धूम्रपान, शराब और नशीले पदार्थों का सेवन छोड़ें, क्योंकि ये शुक्राणु की संख्या और गुणवत्ता को प्रभावित कर सकते हैं। अत्यधिक तनाव से बचें और नियमित व्यायाम करें। टाइट कपड़े पहनने और लैपटॉप को गोद में रखने से बचें, क्योंकि इससे अंडकोष को अधिक गर्मी पहुंच सकती है। रसायनों और प्रदूषण के संपर्क में आने से बचें। किसी भी समस्या के लक्षण दिखने पर तुरंत डॉक्टर से परामर्श लें।

क्या आपका शुक्राणु अस्वस्थ है? Is your sperm unhealthy?

आप अपने नजदीकी फर्टिलिटी डॉक्टर से संपर्क करें, वो आपके शुक्रनु स्वस्थ हैं या नहीं, इसके लिए सीमन एनालिसिस टेस्ट कराएंगे जिसका माध्यम से आपके शुक्रनुओ की गुणवत्ता के बारे में विस्तार में जानकारी मिलेगी

शुक्राणुओं की गुणवत्ता और संख्या कैसे बढ़ाये ?

  1. संतुलित आहार लें

अपने भोजन में प्रोटीन युक्त साम्रगी शामिल कीजिये जैसे दूध, दही, मछली, चिकन , दाले, अंडे, इत्यादि।

  • प्रोटीन: अंडे, मछली, चिकन, और दूध से भरपूर आहार लें।

  • जिंक और सेलेनियम: कद्दू के बीज, मूंगफली, बादाम, और अंडे का सेवन करें।

  • एंटीऑक्सिडेंट्स: विटामिन C और E युक्त फल जैसे संतरा, कीवी, और अंगूर खाएं।

  • फोलिक एसिड: पालक, ब्रोकली, और बीन्स जैसे खाद्य पदार्थ फायदेमंद हैं।

  • ओमेगा-3 फैटी एसिड: अखरोट, अलसी के बीज, और मछली (जैसे सैल्मन) खाएं।

  • स्वस्थ जीवनशैली अपनाएं

  • शराब और धूम्रपान से बचें: ये शुक्राणु की गुणवत्ता और संख्या को कम करने का कारण होते है।

  • तनाव प्रबंधन: योग और ध्यान से मानसिक तनाव कम करें।

  • व्यायाम करें: नियमित रूप से मध्यम स्तर का व्यायाम करें।

  • अच्छी नींद लें: 7-8 घंटे की पर्याप्त नींद लेना।

  • शरीर का तापमान नियंत्रित रखें

  • अत्यधिक गर्मी से बचें: अत्यधिक गर्म स्नान, सॉना, या टाइट कपड़े पहनने से बचें, क्योंकि यह शुक्राणुओं के उत्पादन को प्रभावित कर सकता है।

  • आरामदायक कपड़े पहनें: सूती और ढीले कपड़े पहनें।

  • सप्लीमेंट्स लें

डॉक्टर की सलाह से निम्नलिखित सप्लीमेंट्स का सेवन कर सकते है?

  • ज़िंक

  • फोलिक एसिड

  • कोएंजाइम Q10

  • विटामिन C, D, और E

5. डॉक्टर से परामर्श करें

अगर शुक्राणुओं की संख्या बहुत कम है, तो किसी एंड्रोलॉजिस्ट या फर्टिलिटी विशेषज्ञ से परामर्श लें। आवश्यकता पड़ने पर डॉक्टर निम्नलिखित उपचार सुझा सकते हैं:

Yadi adhik shukranuyo ki sankhya me kami hai to achhe fertility visheshgye se janch karaye achha upchar lijiye.

  • हार्मोनल थेरेपी

  • दवाइयां

  • जीवनशैली में बदलाव की सलाह

6. हर्बल उपचार और आयुर्वेदिक उपाय को अपनाये 

कुछ जड़ी-बूटियां शुक्राणु बढ़ाने में सहायक मानी जाती हैं, जैसे:

  • अश्वगंधा: यह पुरुषों के प्रजनन स्वास्थ्य को बेहतर बनाता है।

  • शतावरी: शुक्राणुओं की गुणवत्ता सुधारने में सहायक है।

  • गोखरू: यह पुरुष हार्मोन को संतुलित करता है।

7. हानिकारक पदार्थों से बचे

  • रसायनों और भारी धातुओं से संपर्क में आने से बचें।

  • प्लास्टिक के कंटेनरों में खाना या पानी स्टोर करने से बचें।

वीर्ये बढ़ाने के घरेलु उपाए ?

वीर्य बढ़ाने के लिए मेवे, बीज, दूध, लहसुन, और अदरक जैसे पोषक तत्वों से भरपूर आहार लें। तनाव कम करें, धूम्रपान और शराब से बचें, और नियमित व्यायाम करें।

निष्कर्ष

इन सरल उपायों को अपनाकर और धैर्य रखते हुए शुक्राणुओं की संख्या और गुणवत्ता को बेहतर बनाया जा सकता है, जिससे आपका शरीर पूरी तरह से स्वस्थ और फुर्तीला रहे और आपके रोगो से लड़ने की क्षमता बढ़ सके।