सर्वाइकल कैंसर क्यों होता है? | कारण और जोखिम कारक
सर्वाइकल कैंसर महिलाओं में होने वाला एक गंभीर लेकिन रोकथाम योग्य कैंसर है। यह गर्भाशय ग्रीवा (सर्विक्स) यानी गर्भाशय के निचले हिस्से में विकसित होता है, जो योनि से जुड़ा होता है। भारत में हर साल हजारों महिलाएं इस बीमारी से पीड़ित होती हैं, और इसकी प्रमुख वजह है HPV वायरस का संक्रमण। लेकिन यह जानना जरूरी है कि अगर समय पर जांच और टीकाकरण किया जाए, तो इस कैंसर से पूरी तरह बचा जा सकता है।
Source: https://www.who.int/news-room/fact-sheets/detail/cervical-cancer
सर्वाइकल कैंसर क्यों होता है?
सर्वाइकल कैंसर गर्भाशय के निचले हिस्से, जिसे सर्विक्स कहते हैं, में होने वाला कैंसर है। यह एक गंभीर बीमारी है, लेकिन सही समय पर पहचान और इलाज से इसे पूरी तरह ठीक किया जा सकता है। यह आमतौर पर धीरे-धीरे विकसित होता है, इसलिए शुरुआती चरणों में इसका पता लगाना आसान होता है।
1. सर्वाइकल कैंसर होने के कारण और जोखिम कारक
(a) HPV वायरस संक्रमण (Human Papillomavirus)
सर्वाइकल कैंसर का सबसे प्रमुख और मुख्य कारण है HPV वायरस। यह एक यौन संचारित वायरस है, जो यौन संपर्क के माध्यम से फैलता है। लगभग 100 प्रकार के HPV होते हैं, जिनमें से कुछ उच्च जोखिम वाले होते हैं जो सर्वाइकल कैंसर का कारण बनते हैं।
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HPV का संक्रमण शरीर की प्रतिरक्षा प्रणाली अक्सर खुद ही समाप्त कर देती है, लेकिन कुछ मामलों में यह संक्रमण सालों तक बना रहता है और कोशिकाओं में बदलाव लाता है जिससे कैंसर हो सकता है।
(b) यौन संबंधों से जुड़ी आदतें
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कम उम्र में यौन संबंध शुरू करना (अक्सर 18 साल से पहले)
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यौन जीवन में अधिक संख्या में पार्टनर होना
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ऐसे पार्टनर जिनका यौन इतिहास जटिल हो या जो HPV से संक्रमित हों
ये सभी कारक HPV संक्रमण के जोखिम को बढ़ाते हैं।
(c) धूम्रपान (Smoking)
धूम्रपान न केवल फेफड़ों के लिए खतरनाक है, बल्कि यह शरीर की प्रतिरक्षा प्रणाली को कमजोर करता है और सर्विक्स की कोशिकाओं को कैंसरजनक पदार्थों के प्रति अधिक संवेदनशील बनाता है। इससे HPV संक्रमण कैंसर में बदलने की संभावना बढ़ जाती है।
(d) कमज़ोर प्रतिरक्षा प्रणाली
प्रतिरक्षा प्रणाली कमजोर होने पर, जैसे HIV संक्रमण या इम्यूनोसप्रेसेन्ट दवाइयां लेने वालों में, शरीर HPV संक्रमण से लड़ने में असमर्थ हो जाता है, जिससे सर्वाइकल कैंसर का खतरा बढ़ जाता है।
(e) लंबे समय तक हार्मोनल कॉन्ट्रासेप्टिव्स का उपयोग
कुछ अध्ययनों में पाया गया है कि जन्म नियंत्रण की गोलियां (हार्मोनल कॉन्ट्रासेप्टिव्स) लंबे समय तक लेने पर सर्वाइकल कैंसर का खतरा थोड़ा बढ़ सकता है, लेकिन यह कारण अकेले गंभीर नहीं माना जाता।
(f) अनियमित स्क्रीनिंग और जांच न कराना
पाप स्मीयर टेस्ट (Pap smear) और HPV टेस्ट समय-समय पर करवाना बहुत जरूरी होता है। अगर ये टेस्ट नियमित न कराए जाएं, तो कैंसर शुरुआती अवस्था में पकड़ा नहीं जा पाता, जिससे बीमारी बढ़ जाती है।
2. सर्वाइकल कैंसर की प्रक्रिया कैसे होती है?
सर्वाइकल कैंसर आमतौर पर कई सालों में विकसित होता है। सबसे पहले सर्विक्स की कोशिकाओं में असामान्य परिवर्तन (Precancerous changes) होते हैं, जिन्हें Dysplasia कहा जाता है। ये बदलाव बिना इलाज के धीरे-धीरे कैंसर में बदल सकते हैं। इसलिए, प्रारंभिक चरणों में इसका पता लगाना और सही उपचार लेना बेहद जरूरी है।
3. बचाव के उपाय (Prevention)
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HPV वैक्सीन लगवाना: यह वैक्सीन HPV संक्रमण से बचाव करती है और इसे युवाओं में विशेष रूप से 9 से 14 साल की उम्र में लगवाना सबसे प्रभावी होता है।
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नियमित पाप स्मीयर टेस्ट: 21 वर्ष की उम्र के बाद महिलाओं को हर 3 से 5 साल में पाप स्मीयर टेस्ट करवाना चाहिए।
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सुरक्षित यौन जीवन: यौन संबंध बनाते समय कंडोम का उपयोग करें और यौन संबंधों में संयम बरतें।
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धूम्रपान से बचाव: धूम्रपान छोड़ना या न करना भी बहुत जरूरी है।
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स्वस्थ जीवनशैली: संतुलित आहार, नियमित व्यायाम और तनाव कम करना प्रतिरक्षा प्रणाली मजबूत बनाता है।
4. सर्वाइकल कैंसर के लिए अन्य संभावित जोखिम कारक
(a) धार्मिक और सामाजिक कारक
कुछ सांस्कृतिक या धार्मिक मान्यताओं के कारण महिलाओं को यौन शिक्षा और स्वास्थ्य की सही जानकारी नहीं मिल पाती, जिससे HPV संक्रमण और सर्वाइकल कैंसर का खतरा बढ़ जाता है।
कुछ समुदायों में यौन व्यवहार पर खुलकर चर्चा न होने के कारण भी रोकथाम मुश्किल हो जाती है।
(b) अपर्याप्त पोषण और स्वच्छता
अच्छे पोषण की कमी और अस्वच्छता से शरीर की प्रतिरक्षा प्रणाली कमजोर होती है, जिससे HPV और अन्य संक्रमणों से लड़ने की क्षमता कम हो जाती है।
सर्विक्स क्षेत्र की स्वच्छता का भी ध्यान रखना चाहिए।
(c) देर से विवाह और गर्भधारण
कुछ शोधों के अनुसार, बहुत कम उम्र में गर्भधारण या बार-बार गर्भधारण भी सर्वाइकल कैंसर के जोखिम को प्रभावित कर सकता है, हालांकि ये कारण सीधे तौर पर उतने प्रभावशाली नहीं होते जितना HPV संक्रमण।
5. सर्वाइकल कैंसर कैसे विकसित होता है? – चरणबद्ध प्रक्रिया
सर्वाइकल कैंसर के विकास में कई चरण होते हैं:
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नॉर्मल कोशिकाएं (Normal Cells): सर्विक्स की कोशिकाएं स्वस्थ होती हैं।
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प्रीकैंसरस कोशिकाएं (Precancerous Cells): HPV संक्रमण के कारण कोशिकाओं में असामान्य परिवर्तन शुरू होते हैं।
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कैन्सर कोशिकाएं (Cancerous Cells): अगर प्रीकैंसरस कोशिकाओं का उपचार न किया जाए तो ये कैंसर कोशिकाओं में बदल जाती हैं।
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प्रसार (Metastasis): कैंसर जब आसपास की कोशिकाओं और अंगों में फैल जाता है, तब इसे ज्यादा गंभीर माना जाता है।
इसलिए, प्रीकैंसरस अवस्था में ही पहचान और इलाज बहुत जरूरी होता है।
6. HPV संक्रमण के प्रकार और उनका संबंध सर्वाइकल कैंसर से
HPV वायरस के लगभग 100 प्रकार होते हैं, जिनमें से:
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हाई-रिस्क प्रकार (High-risk HPV Types): HPV 16 और HPV 18 जैसे प्रकार सर्वाइकल कैंसर के लिए जिम्मेदार हैं।
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लो-रिस्क प्रकार (Low-risk HPV Types): ये सामान्यतः कैंसर नहीं करते, लेकिन वे जननांगों पर मस्से (warts) बना सकते हैं।
यह समझना जरूरी है कि हर HPV संक्रमण कैंसर में नहीं बदलता, लेकिन लंबे समय तक बनी रहने वाली हाई-रिस्क HPV संक्रमण से सर्वाइकल कैंसर होने का खतरा बढ़ जाता है।
7. सर्वाइकल कैंसर के लिए जोखिम बढ़ाने वाली अन्य बीमारियां
कुछ संक्रमण और बीमारियां भी सर्वाइकल कैंसर के जोखिम को बढ़ाती हैं, जैसे:
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ह्यूमन इम्यूनोडेफिशिएंसी वायरस (HIV): यह वायरस शरीर की प्रतिरक्षा प्रणाली को कमजोर कर देता है, जिससे HPV संक्रमण के कैंसर में बदलने की संभावना बढ़ जाती है।
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सिफलिस, क्लैमाइडिया जैसी यौन संचारित बीमारियां: ये भी सर्विक्स को प्रभावित कर सकती हैं।
8. सर्वाइकल कैंसर से बचाव के लिए जरूरी कदम
(a) नियमित स्क्रीनिंग
21 वर्ष की उम्र के बाद हर महिला को नियमित पाप स्मीयर टेस्ट करवाना चाहिए। यह टेस्ट सर्विक्स की कोशिकाओं में बदलाव को शुरुआती चरण में पकड़ लेता है। इसके साथ HPV DNA टेस्ट भी उपयोगी होता है।
(b) HPV वैक्सीनेशन
HPV वैक्सीन युवाओं में सबसे अधिक प्रभावी होती है, खासकर 9 से 14 वर्ष की उम्र के बीच। यह वैक्सीन HPV संक्रमण के कई खतरनाक प्रकारों से सुरक्षा देती है।
(c) सुरक्षित यौन व्यवहार
कंडोम का उपयोग करना, यौन साथी की संख्या सीमित रखना, और यौन संबंधों में सावधानी बरतना HPV संक्रमण के जोखिम को कम करता है।
(d) धूम्रपान से बचना
धूम्रपान छोड़ने से सर्वाइकल कैंसर सहित कई अन्य बीमारियों का खतरा कम हो जाता है।
(e) स्वस्थ जीवनशैली अपनाना
संतुलित आहार, नियमित व्यायाम, तनाव प्रबंधन और पर्याप्त नींद से प्रतिरक्षा प्रणाली मजबूत होती है, जो संक्रमणों से लड़ने में मदद करती है।
9. सर्वाइकल कैंसर के लक्षण (शुरुआती और बढ़े हुए)
शुरुआती चरणों में अक्सर कोई स्पष्ट लक्षण नहीं होते, इसलिए नियमित जांच जरूरी है। बढ़ने पर निम्न लक्षण हो सकते हैं:
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अनियमित या असामान्य रक्तस्राव (जैसे संभोग के बाद या माहवारी के बीच)
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असामान्य योनि स्राव, जो बदबूदार या रंग में बदलाव हो
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निचले पेट या कमर में दर्द
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यौन संबंध के दौरान दर्द
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पेशाब करते समय जलन या परेशानी
यदि ये लक्षण दिखें तो तुरंत डॉक्टर से संपर्क करें।
सर्वाइकल कैंसर से कैसे बचें?
HPV वैक्सीन लें
- यह वैक्सीन 9 से 26 वर्ष की आयु की लड़कियों के लिए सबसे प्रभावी होती है।
- यह वायरस के सबसे खतरनाक प्रकारों से सुरक्षा देती है।
नियमित Pap Smear टेस्ट कराएं
- यह टेस्ट सर्विक्स की कोशिकाओं में बदलाव को समय रहते पहचान सकता है।
- 21 वर्ष की उम्र से हर 3 वर्ष में यह टेस्ट कराना सलाह दिया जाता है।
सुरक्षित यौन संबंध बनाएं
- कंडोम का उपयोग और सीमित यौन साझेदार रखने से संक्रमण का खतरा घटता है।
स्वस्थ जीवनशैली अपनाएं
- धूम्रपान से बचें, संतुलित आहार लें और प्रतिरक्षा प्रणाली को मजबूत बनाए रखें।
सर्वाइकल कैंसर से जुड़े अक्सर पूछे जाने वाले सवाल (FAQs)
Q1: सर्वाइकल कैंसर क्या होता है?
उत्तर: सर्वाइकल कैंसर एक प्रकार का कैंसर है जो महिलाओं के गर्भाशय के निचले हिस्से (सर्विक्स) में होता है। यह वह भाग होता है जो गर्भाशय को योनि से जोड़ता है।
Q2: सर्वाइकल कैंसर का मुख्य कारण क्या है?
उत्तर: इसका मुख्य कारण ह्यूमन पैपिलोमा वायरस (HPV) नामक यौन संचारित वायरस का संक्रमण है, विशेषकर HPV-16 और HPV-18 प्रकार।
Q3: क्या हर HPV संक्रमण से कैंसर हो सकता है?
उत्तर: नहीं, ज्यादातर मामलों में शरीर HPV वायरस को खुद ही समाप्त कर देता है। लेकिन यदि संक्रमण लंबे समय तक बना रहता है, तो यह सर्वाइकल कैंसर में बदल सकता है।
Q4: HPV वायरस कैसे फैलता है?
उत्तर: HPV मुख्य रूप से असुरक्षित यौन संबंधों के माध्यम से फैलता है, लेकिन यह त्वचा से त्वचा के संपर्क से भी संचारित हो सकता है।
Q5: क्या सर्वाइकल कैंसर से बचाव संभव है?
उत्तर: हाँ, HPV वैक्सीन, नियमित Pap Smear टेस्ट, सुरक्षित यौन व्यवहार और अच्छी जीवनशैली अपनाकर सर्वाइकल कैंसर से बचा जा सकता है।
Q6: सर्वाइकल कैंसर के लक्षण क्या होते हैं?
उत्तर: शुरुआती अवस्था में कोई लक्षण नहीं होते। लेकिन बाद के चरणों में ये लक्षण हो सकते हैं:
- असामान्य योनि स्राव
- मासिक धर्म के बीच में रक्तस्राव
- यौन संबंध के बाद रक्तस्राव
- पेल्विक दर्द
Q7: क्या HPV वैक्सीन सभी उम्र की महिलाओं को दी जा सकती है?
उत्तर: HPV वैक्सीन आमतौर पर 9 से 26 वर्ष की उम्र की लड़कियों/महिलाओं के लिए अधिक प्रभावी मानी जाती है। लेकिन कुछ मामलों में यह 45 वर्ष तक की महिलाओं को भी दी जा सकती है, डॉक्टर की सलाह से।
Q8: क्या शादीशुदा महिलाएं भी HPV वैक्सीन ले सकती हैं?
उत्तर: हाँ, यदि महिला को पहले HPV संक्रमण नहीं हुआ है या वैक्सीन की डोज़ पूरी नहीं हुई है, तो वह डॉक्टर से परामर्श करके वैक्सीन ले सकती हैं।
Q9: Pap Smear टेस्ट क्या होता है?
उत्तर: यह एक स्क्रीनिंग टेस्ट है जिसमें सर्विक्स की कोशिकाओं को लेकर देखा जाता है कि उनमें कोई असामान्य बदलाव (precancerous या cancerous) तो नहीं है।
Q10: क्या सर्वाइकल कैंसर का इलाज संभव है?
उत्तर: हाँ, यदि समय पर पता चल जाए तो सर्वाइकल कैंसर का इलाज संभव है। इसके इलाज के लिए सर्जरी, कीमोथेरेपी और रेडियोथेरेपी जैसे विकल्प मौजूद हैं।
Source: https://www.who.int/news-room/fact-sheets/detail/cervical-cancer
https://pmc.ncbi.nlm.nih.gov/articles/PMC8711687/?utm_
निष्कर्ष
सर्वाइकल कैंसर एक धीमी गति से विकसित होने वाला कैंसर है, जिसे यदि समय रहते पहचाना जाए तो इलाज संभव है और जीवन की रक्षा की जा सकती है। इसके पीछे का मुख्य कारण HPV वायरस है, लेकिन यह जानकर राहत की बात है कि HPV वैक्सीन और नियमित जांच से इस बीमारी से पूरी तरह बचा जा सकता है।