AMH Test क्या होता है? | महिलाओं की फर्टिलिटी जांच | ओवेरियन रिजर्व की पूरी जानकारी
महिलाओं के प्रजनन स्वास्थ्य की जांच के लिए कई तरह के टेस्ट किए जाते हैं, लेकिन उनमें से एक खास टेस्ट है AMH Test. यह टेस्ट महिलाओं की फर्टिलिटी (गर्भधारण करने की क्षमता) के बारे में महत्वपूर्ण जानकारी देता है। आज के इस ब्लॉग में हम आपको सरल और समझने लायक भाषा में बताएंगे कि AMH टेस्ट क्या होता है, यह क्यों किया जाता है, इसका रिजल्ट क्या बताता है और इससे जुड़े तमाम सवालों के जवाब।
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AMH टेस्ट क्या होता है?
AMH का पूरा नाम होता है Anti-Müllerian Hormone. यह एक हार्मोन होता है जो महिलाओं की अंडाशय (ovaries) में मौजूद छोटे-छोटे अंडाणुओं (eggs) के आस-पास की कोशिकाओं से बनता है। AMH टेस्ट खून के सैंपल से किया जाता है और इसका मकसद यह जानना होता है कि महिला के अंडाशयों में अंडाणुओं की कितनी संख्या (ओवेरियन रिजर्व) बची हुई है।
यह टेस्ट क्यों ज़रूरी है?
AMH टेस्ट खासतौर पर उन महिलाओं के लिए फायदेमंद होता है:
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जो गर्भधारण की योजना बना रही हैं
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जिन्हें इनफर्टिलिटी (बांझपन) की समस्या है
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जो IVF या IUI जैसी फर्टिलिटी ट्रीटमेंट ले रही हैं
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जो यह जानना चाहती हैं कि उनके अंडाणु कितने स्वस्थ और कितनी संख्या में बचे हुए हैं
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जिनका समय से पहले मेनोपॉज़ (menopause) आ सकता है
AMH टेस्ट कैसे किया जाता है?
AMH टेस्ट एक सिंपल ब्लड टेस्ट है। इसके लिए महिला को खाली पेट रहने की ज़रूरत नहीं होती, और यह किसी भी दिन किया जा सकता है। खून का सैंपल लिया जाता है और लैब में इसकी जांच की जाती है। रिपोर्ट कुछ घंटों या एक-दो दिन में मिल जाती है।
AMH टेस्ट के नॉर्मल रेंज क्या होती है?
AMH का लेवल उम्र के हिसाब से बदलता है। नीचे दी गई रेंज एक सामान्य गाइडलाइन है:
AMH लेवल (ng/mL) |
अर्थ |
1.0 – 3.5 |
नॉर्मल, अच्छी ओवेरियन रिजर्व |
< 1.0 |
कम ओवेरियन रिजर्व (Low Fertility) |
> 3.5 |
बहुत ज़्यादा, हो सकता है PCOS का संकेत |
ध्यान दें: रिपोर्ट को केवल डॉक्टर की सलाह से समझना चाहिए क्योंकि लेवल व्यक्ति विशेष की स्थिति पर निर्भर करता है। AMH लेवल को लेकर National Institutes of Health (NIH) में किए गए शोध बताते हैं कि इसकी सही पहचान IVF की सफलता को प्रभावित कर सकती है। जानें https://www.nih.gov/ की रिपोर्ट।
उम्र और AMH का क्या संबंध है?
जैसे-जैसे महिला की उम्र बढ़ती है, वैसे-वैसे उसके अंडाणुओं की संख्या और क्वालिटी दोनों घटती जाती हैं। AMH लेवल भी उम्र के साथ कम होता जाता है:
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20-25 वर्ष: उच्च AMH लेवल
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30-35 वर्ष: मध्यम लेवल
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35+ वर्ष: गिरावट शुरू हो जाती है
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40 के बाद: सामान्यतः AMH लेवल बहुत कम हो जाता है
इसलिए, यदि कोई महिला देर से गर्भधारण की योजना बना रही है, तो AMH टेस्ट करवाना फायदेमंद हो सकता है।
AMH टेस्ट IVF के लिए क्यों ज़रूरी है?
अगर आप IVF ट्रीटमेंट लेने की सोच रहे हैं, तो डॉक्टर सबसे पहले AMH टेस्ट करते हैं ताकि ये तय किया जा सके:
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अंडाणुओं की कितनी संख्या है
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कितनी दवाइयों की ज़रूरत होगी
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IVF का कितना सफलता दर हो सकता है
अगर AMH लेवल बहुत कम है, तो डोनर एग का सुझाव भी दिया जा सकता है।
क्या AMH टेस्ट से प्रेगनेंसी की संभावना तय होती है?
AMH टेस्ट यह नहीं बताता कि महिला गर्भवती हो सकती है या नहीं। यह केवल अंडाणुओं की संख्या के बारे में जानकारी देता है। प्रेगनेंसी कई और फैक्टर्स पर निर्भर करती है जैसे – अंडाणुओं की क्वालिटी, ट्यूब्स का स्वास्थ्य, पुरुष के शुक्राणु की क्वालिटी, हार्मोन संतुलन आदि। WHO के अनुसार, महिला इनफर्टिलिटी को समझने में ओवेरियन रिजर्व और AMH लेवल की अहम भूमिका होती है। विस्तृत जानकारी के लिए https://www.who.int/health-topics/infertility की वेबसाइट देखें।
क्या पुरुषों के लिए भी AMH टेस्ट होता है?
AMH टेस्ट मुख्य रूप से महिलाओं के लिए होता है, लेकिन कुछ मामलों में बच्चों में यौन विकास संबंधी समस्याओं को समझने के लिए पुरुषों में भी यह टेस्ट किया जाता है।
AMH टेस्ट कब करवाना चाहिए?
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यदि आपकी उम्र 30 के पार है और आप फर्टिलिटी प्लान कर रही हैं
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पीसीओएस (PCOS) की समस्या है
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मेनोपॉज़ के लक्षण समय से पहले दिखने लगे हैं
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परिवार में किसी को समय से पहले मेनोपॉज़ हुआ हो
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IVF या IUI ट्रीटमेंट लेने की सोच रही हैं
भारत सरकार की Reproductive and Child Health (RCH) योजना के अनुसार, समय पर फर्टिलिटी टेस्ट करवाना महिलाओं के लिए लाभकारी होता है। अधिक जानकारी के लिए https://rch.nhm.gov.in/
AMH टेस्ट की लागत क्या होती है?
AMH टेस्ट की कीमत भारत में ₹800 से ₹2500 के बीच होती है। यह लागत क्लिनिक और शहर के हिसाब से अलग हो सकती है।
निष्कर्ष
AMH टेस्ट एक सिंपल और असरदार तरीका है यह जानने का कि आपके अंडाशयों में कितने अंडाणु बचे हैं। यह टेस्ट फर्टिलिटी प्लानिंग के लिए एक महत्वपूर्ण कदम है, खासकर उन महिलाओं के लिए जो देर से गर्भधारण की योजना बना रही हैं या जिनको फर्टिलिटी से जुड़ी समस्याएं हैं।
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अक्सर पूछे जाने वाले सवाल (FAQs)
1. क्या AMH टेस्ट से पता चल सकता है कि मैं मां बन सकती हूं या नहीं?
नहीं, AMH टेस्ट सीधे यह नहीं बताता कि आप प्रेग्नेंट हो सकती हैं या नहीं। यह केवल यह बताता है कि आपके अंडाशय में अंडाणुओं की संख्या कितनी बची है। मां बनने की संभावना कई और चीजों पर भी निर्भर करती है जैसे- अंडाणुओं की क्वालिटी, हार्मोन का संतुलन, ट्यूब्स की स्थिति और पार्टनर की स्पर्म क्वालिटी।
2. मेरी उम्र 35 के पार है, क्या मुझे AMH टेस्ट करवाना चाहिए?
हां, अगर आप फैमिली प्लानिंग में देरी कर रही हैं या आपको पीरियड्स अनियमित हैं, तो AMH टेस्ट ज़रूर करवाएं। यह आपकी ओवेरियन रिजर्व के बारे में बताएगा, ताकि आप समय रहते सही निर्णय ले सकें।
3. क्या AMH टेस्ट करवाने के लिए पीरियड्स का कोई खास दिन ज़रूरी होता है?
नहीं, AMH टेस्ट को किसी भी दिन करवाया जा सकता है। यह हार्मोन आपके पीरियड्स साइकल से प्रभावित नहीं होता, इसलिए आप कभी भी यह टेस्ट करा सकती हैं।
4. मेरा AMH लेवल बहुत कम है – क्या इसका मतलब है कि मेरे पास समय बहुत कम है मां बनने के लिए?
कम AMH लेवल का मतलब यह हो सकता है कि आपके अंडाशयों में अंडाणु कम बचे हैं। लेकिन घबराएं नहीं! कई महिलाएं कम AMH के बावजूद IVF या IUI के ज़रिए सफलतापूर्वक गर्भधारण करती हैं। डॉक्टर से सलाह लेकर सही योजना बनाएं।
5. क्या AMH लेवल बढ़ाया जा सकता है किसी इलाज या दवा से?
AMH लेवल को पूरी तरह से वापस बढ़ाना संभव नहीं है, क्योंकि यह आपकी जैविक उम्र और जेनेटिक्स से जुड़ा होता है। लेकिन हेल्दी डाइट, स्ट्रेस कंट्रोल और डॉक्टर द्वारा सुझाए गए सप्लीमेंट्स आपकी ओवेरियन हेल्थ को बेहतर बना सकते हैं।
6. IVF से पहले AMH टेस्ट कितना ज़रूरी है?
IVF से पहले AMH टेस्ट करवाना बहुत ज़रूरी होता है क्योंकि इससे डॉक्टर तय कर पाते हैं कि आपको कितनी मेडिकेशन चाहिए, अंडाणु कितने होंगे और आपकी सफलता की संभावना क्या है। यह IVF प्लानिंग का पहला और अहम कदम है।