1 महीने की प्रेगनेंसी में क्या खाना चाहिए | पहला महीना डाइट | गर्भावस्था पोषण गाइड

गर्भावस्था के पहले महीने का परिचय

गर्भावस्था का पहला महीना (0-4 सप्ताह) बेहद खास और नाज़ुक समय होता है। यही वह दौर है जब भ्रूण के महत्वपूर्ण अंग जैसे मस्तिष्क, दिल और रीढ़ की हड्डी का विकास शुरू होता है। इस दौरान महिला के शरीर में अचानक कई तरह के हार्मोनल बदलाव आते हैं, जिनका असर थकान, मितली या मूड स्विंग जैसे लक्षणों में नज़र आता है।

ऐसे में हर मां के मन में सबसे बड़ा सवाल यही उठता है – “1 महीने की प्रेगनेंसी में क्या खाना चाहिए?” या “शुरुआती महीनों में पोषण कैसा होना चाहिए?” सही खानपान न केवल मां की ऊर्जा को बनाए रखता है, बल्कि बच्चे के स्वस्थ विकास की नींव भी रखता है।

भारत की बात करें तो, राष्ट्रीय परिवार स्वास्थ्य सर्वेक्षण (NFHS-5, 2019-21) के मुताबिक लगभग 60% गर्भवती महिलाएं मॉर्निंग सिकनेस से परेशान होती हैं। वहीं, हाल ही में ICMR-NIN (2025) की रिपोर्ट में पाया गया कि लगभग 30% महिलाओं में फोलिक एसिड की कमी होती है। ये दोनों बातें बताती हैं कि गर्भावस्था की शुरुआत में पोषण पर ध्यान देना कितना ज़रूरी है।

यानी, पहला महीना ही आने वाले नौ महीनों की दिशा तय करता है। सही समय पर सही पोषण लेने से न सिर्फ बच्चे की सेहत बेहतर रहती है बल्कि मां भी इस सफर को और आसान और सुरक्षित बना पाती है।

पहले महीने की प्रेगनेंसी के लक्षण

गर्भावस्था का पहला महीना कई तरह के नए अनुभव लेकर आता है। इस समय शरीर में एस्ट्रोजन और प्रोजेस्टेरोन हार्मोन तेज़ी से बढ़ते हैं, और इन्हीं की वजह से अलग-अलग लक्षण दिखाई देने लगते हैं। हर महिला का अनुभव थोड़ा अलग हो सकता है, लेकिन आमतौर पर पहले महीने में ये लक्षण देखे जाते हैं:

  • पीरियड मिस होना – यह सबसे पहला और सबसे अहम संकेत होता है कि गर्भधारण हो चुका है।

  • नॉजिया और जी मचलाना – जिसे अक्सर मॉर्निंग सिकनेस कहा जाता है। यह सुबह ज़्यादा महसूस होता है, लेकिन दिनभर भी रह सकता है। आंकड़ों के मुताबिक, लगभग 80% महिलाओं को पहली तिमाही में नॉजिया होता है।

  • थकान और कमजोरी – हार्मोनल बदलाव और शरीर में नए रक्त निर्माण के कारण थकान जल्दी महसूस होती है।

  • स्तनों में बदलाव – स्तनों में सूजन, हल्का दर्द या निप्पल का रंग गहरा होना आम है।

  • बार-बार पेशाब आना – गर्भाशय में बदलाव और दबाव की वजह से यह लक्षण शुरुआती हफ्तों में दिखाई दे सकता है।

  • मूड स्विंग्स और क्रेविंग्स – कभी अचानक चिड़चिड़ापन, तो कभी किसी खास चीज़ को खाने की ज़ोरदार इच्छा होना – ये भी हार्मोनल बदलाव का हिस्सा हैं।

  • हल्की ब्लीडिंग या स्पॉटिंग – इसे इम्प्लांटेशन ब्लीडिंग कहा जाता है, और यह सामान्य हो सकती है। लेकिन अगर ब्लीडिंग ज़्यादा हो तो डॉक्टर से तुरंत सलाह ज़रूर लें।

  • पेट में हल्की ऐंठन या गैस – पाचन पर हार्मोन का असर पड़ता है, जिससे कभी-कभी गैस या हल्का दर्द महसूस हो सकता है।

 

आहार का महत्व – पहले महीने में क्यों ज़रूरी है सही खानपान?

गर्भावस्था का पहला महीना बहुत नाज़ुक होता है। इसी समय बच्चे का न्यूरल ट्यूब (दिमाग़ और रीढ़ की हड्डी का शुरुआती ढांचा) बनता है, जो लगभग पहले 4 हफ्तों में पूरा हो जाता है। ऐसे में सही खानपान सिर्फ़ ज़रूरी ही नहीं, बल्कि बच्चे के पूरे जीवन की नींव रखता है।

संतुलित आहार के फायदे:

  • जन्म दोष से सुरक्षा – फोलिक एसिड की पर्याप्त मात्रा लेने से स्पाइना बिफिडा जैसे जन्म दोषों से बचाव होता है।

  • मां की ऊर्जा बनाए रखना – आयरन और विटामिन B6 थकान और मॉर्निंग सिकनेस को कम करने में मदद करते हैं।

  • स्वास्थ्य जोखिम कम करना – पौष्टिक डाइट से गर्भपात या समय से पहले डिलीवरी का खतरा घटता है।

  • लंबे समय तक फायदे – सही शुरुआत बच्चे के दिमाग़ के विकास और इम्यूनिटी को मज़बूत बनाती है।
     

WHO की सिफारिश है कि गर्भावस्था के शुरुआती दिनों से ही रोज़ाना 400 माइक्रोग्राम फोलिक एसिड और 27 मिलीग्राम आयरन ज़रूरी है। अच्छी बात यह है कि भारतीय रसोई में ही इसका समाधान मौजूद है – जैसे दाल, पालक और संतरा, जिन्हें आसानी से अपने आहार में शामिल किया जा सकता है।

पहले महीने के पोषण की तालिका

पोषक तत्व

दैनिक मात्रा

फायदे

स्रोत

फोलिक एसिड

400-600 mcg

न्यूरल ट्यूब दोष रोकता है

पालक, संतरा, दालें

आयरन

27 mg

एनीमिया रोकता है

अनार, चुकंदर, किशमिश

विटामिन बी6

1.9 mg

नॉजिया कम करता है

केला, आलू, चावल

विटामिन सी

85 mg

आयरन अवशोषण बढ़ाता है

नींबू, संतरा, अमरूद

स्रोत:

  1. ICMR-NIN (2025): https://www.nin.res.in/

  2. WHO Maternal Nutrition: https://www.who.int/health-topics/maternal-health

  3. Miracles Health (2025): https://www.miracleshealth.com/blog/1st-week-pregnancy-symptoms-in-hindi

 

पहले महीने में ज़रूरी पोषक तत्व

गर्भावस्था का पहला महीना बच्चे के न्यूरल ट्यूब और शुरुआती विकास के लिए बेहद अहम होता है। इसी दौरान भ्रूण की नींव रखी जाती है। भारत जैसे देश में, जहां 52% गर्भवती महिलाएं एनीमिया से ग्रस्त हैं (NFHS-5, 2019-21) और लगभग 30% महिलाओं में फोलिक एसिड की कमी पाई जाती है (ICMR-NIN, 2025), वहाँ सही पोषण पर ध्यान देना और भी ज़रूरी हो जाता है।

इस समय तीन पोषक तत्व सबसे महत्वपूर्ण हैं – फोलिक एसिड, आयरन और विटामिन बी6। आइए इन्हें विस्तार से समझते हैं।

 

फोलिक एसिड – बच्चे के दिमाग और रीढ़ की हड्डी के लिए ज़रूरी

  • क्यों ज़रूरी है?
    फोलिक एसिड (विटामिन B9) बच्चे के दिमाग और रीढ़ की हड्डी की सुरक्षा करता है और स्पाइना बिफिडा जैसे न्यूरल ट्यूब डिफेक्ट्स को रोकता है।

    • ज़रूरत: रोज़ाना 400–600 माइक्रोग्राम

  • स्रोत

    • हरी सब्ज़ियाँ – पालक (1 कप = 58 माइक्रोग्राम), मेथी, ब्रोकोली

    • फल – संतरा (1 = 40 माइक्रोग्राम), पपीता, केला

    • दालें – मसूर दाल, चना (1 कप = 282 माइक्रोग्राम)

    • अनाज – फोर्टिफाइड ब्रेड और अनाज

    • सप्लीमेंट्स – डॉक्टर की सलाह से फोलिक एसिड टैबलेट्स
       

  • कमी के लक्षण
    थकान, एनीमिया, मुंह के छाले, और गंभीर मामलों में बच्चे में जन्म दोष (0.5–1% मामलों में)।
     

  • भारतीय संदर्भ
    ICMR-NIN (2025) के अनुसार, ग्रामीण महिलाओं में फोलिक एसिड की कमी अधिक पाई जाती है। इसी वजह से सरकारी स्वास्थ्य कार्यक्रमों में मुफ्त सप्लीमेंट्स दिए जाते हैं।

 

आयरन – खून और ऑक्सीजन की सप्लाई के लिए

  • क्यों ज़रूरी है?
    गर्भावस्था में खून की मात्रा बढ़ जाती है। ऐसे में आयरन की कमी एनीमिया और गर्भपात तक का खतरा बढ़ा सकती है।

    • ज़रूरत: रोज़ाना 27 मिलीग्राम

  • स्रोत

    • हरी सब्ज़ियाँ – पालक (1 कप = 2.7 मिलीग्राम), मेथी

    • फल – अनार (1 = 0.3 मिलीग्राम), चुकंदर, सेब

    • दालें – मसूर (1 कप = 6.6 मिलीग्राम), चना

    • ड्राई फ्रूट्स – किशमिश, खजूर

    • नॉन-वेज – अंडे, मछली (वेजिटेरियन महिलाओं के लिए दाल और हरी सब्ज़ियाँ बेहतरीन विकल्प)
       

  • कमी के लक्षण
    थकान, पीली त्वचा, सांस फूलना और गर्भपात का बढ़ा हुआ जोखिम।

  • भारतीय संदर्भ
    NFHS-5 और ICMR (2025) के अनुसार, भारत की आधी से ज़्यादा महिलाएं (52%) एनीमिक हैं। आयरन को हमेशा विटामिन C (जैसे संतरा या नींबू) के साथ लेना चाहिए, ताकि यह शरीर में अच्छे से अवशोषित हो।
     

विटामिन B6 – नॉजिया कम करने और हार्मोन बैलेंस के लिए

  • क्यों ज़रूरी है?
    विटामिन B6 मॉर्निंग सिकनेस और नॉजिया को कम करने में मदद करता है। यह हार्मोनल बैलेंस बनाए रखता है और शुरुआती थकान को भी घटाता है।

    • ज़रूरत: रोज़ाना 1.9 मिलीग्राम

  • स्रोत

    • फल – केला (1 = 0.4 मिलीग्राम), संतरा, आलू

    • अनाज – चावल, ओट्स

    • दालें – चना, मूंग
       

  • कमी के लक्षण
    नॉजिया, चिड़चिड़ापन, मुंह में छाले और लगातार थकान।
     

  • भारतीय संदर्भ
    केला और चावल भारतीय डाइट में आसानी से मिल जाते हैं। ICMR (2025) के अध्ययन में पाया गया कि लगभग 20% गर्भवती महिलाओं में बी6 की कमी पाई जाती है।

 

आवश्यक पोषक तत्वों की तालिका

पोषक तत्व

दैनिक मात्रा

फायदे

स्रोत

कमी के लक्षण

फोलिक एसिड

400-600 mcg

न्यूरल ट्यूब विकास

पालक, संतरा, दालें

जन्म दोष, थकान

आयरन

27 mg

रक्त निर्माण

अनार, पालक, मसूर दाल

थकान, एनीमिया

विटामिन बी6

1.9 mg

नॉजिया कम करना

केला, आलू

चिड़चिड़ापन, नॉजिया

स्रोत:

  1. ICMR-NIN (2025): https://www.nin.res.in/

  2. WHO Maternal Nutrition: https://www.who.int/health-topics/maternal-health

  3. DrRitaBakshi.in (2025): https://drritabakshi.in/pregnancy-diet-plan-in-hindi/

 

नॉजिया और जी मचलाने में क्या खाएं?

गर्भावस्था के पहले महीने की सबसे आम और परेशान करने वाली समस्या है – नॉजिया और उल्टी (मॉर्निंग सिकनेस)। लगभग 60-80% महिलाएं इससे प्रभावित होती हैं (NFHS-5, 2019-21 और ICMR, 2025)। इसका कारण है हार्मोनल बदलाव, खासकर एचसीजी हार्मोन, जो जी मचलाने और उल्टी की समस्या को बढ़ाता है।

अच्छी बात ये है कि कुछ आसान घरेलू उपाय, हल्का भोजन और छोटे-छोटे बदलाव आपकी इस परेशानी को काफी हद तक कम कर सकते हैं।

 

नॉजिया कम करने के उपाय

  • अदरक – अदरक की चाय (1 ग्राम अदरक से बनी) या छोटे टुकड़े चबाना बहुत फायदेमंद है। Cochrane Review (2025) के अनुसार, 70% महिलाओं को इससे राहत मिली।

  • नींबू – नींबू पानी, नींबू की कैंडी या नींबू की खुशबू भी जी मचलाना कम करती है।

  • पुदीना – पुदीना चाय या पुदीने की कैंडी पाचन सुधारती है और मितली घटाती है।

  • विटामिन B6 – डॉक्टर की सलाह से 10-25 मिलीग्राम विटामिन B6 सप्लीमेंट लेने पर नॉजिया में राहत मिल सकती है।

  • एक्यूप्रेशर – कलाई पर सी-बैंड पहनने से 50% महिलाओं को फायदा हुआ है (ACOG, 2025)।

  • दवाएं – अगर उल्टी बहुत ज़्यादा हो, तो डॉक्टर डॉक्सिलामाइन या ओंडानसेट्रॉन जैसी दवाएं सुझा सकते हैं।

  • भारतीय नुस्खे – सौंफ चबाना या जीरा पानी पीना भी परंपरागत रूप से नॉजिया कम करने के लिए जाना जाता है।

 

हल्का भोजन और जरूरी टिप्स

  • क्या खाएं?
    सूखा टोस्ट, बिस्किट, दलिया या केला जैसे हल्के और कार्बोहाइड्रेट-युक्त भोजन सबसे अच्छे हैं।

  • खाने के छोटे-छोटे नियम:

    • दिनभर में 5-6 छोटे मील्स लें, ताकि पेट खाली न रहे।

    • सुबह बिस्तर से उठने से पहले बिस्किट या सूखा टोस्ट खाएं।

    • ठंडा और हल्का खाना जैसे दही, फल या सलाद चुनें।

    • बहुत मसालेदार, तैलीय या तीखी गंध वाले खाने से बचें।

  • पानी और हाइड्रेशन:
    दिनभर में 8–10 गिलास पानी पिएं, लेकिन एक साथ बहुत न पिएं। छोटे-छोटे घूंट ज़्यादा मददगार होंगे।

  • आराम और रिलैक्सेशन:
    पर्याप्त आराम करें। तनाव कम करने के लिए हल्का योग या ध्यान करना भी लाभकारी हो सकता है।

 

कब डॉक्टर से ज़रूरी है संपर्क?

अगर उल्टी बहुत ज़्यादा हो, जैसे –

  • 24 घंटे में 3 बार से ज़्यादा उल्टी होना

  • खाने-पीने से बिल्कुल असमर्थ होना

  • वजन कम होना

तो तुरंत डॉक्टर से संपर्क करना चाहिए।

नॉजिया उपायों की तालिका

उपाय

मात्रा/विधि

फायदे

स्रोत

अदरक चाय

1 कप (1 ग्राम अदरक)

नॉजिया 70% कम

Cochrane Review, 2025

नींबू पानी

1 कप (1 नींबू)

जी मचलाना कम

ACOG Guidelines, 2025

पुदीना चाय

1 कप

पाचन सुधार

ICMR-NIN, 2025

विटामिन बी6

10-25 mg (डॉक्टर सलाह)

नॉजिया राहत

WHO Maternal Nutrition

स्रोत:

  1. ICMR-NIN (2025): https://www.nin.res.in/

  2. Navbharat Times (2025): https://navbharattimes.indiatimes.com/lifestyle/family/use-these-home-remedies-for-nausea-and-vomiting-during-pregnancy/articleshow/73658353.cms



 

4. पहले महीने में फल और सब्जियां क्यों ज़रूरी हैं?

गर्भावस्था के शुरुआती दिनों में फल और सब्जियां आपके और बच्चे दोनों के लिए सबसे सुरक्षित और असरदार पोषण का स्रोत हैं। ये आपको फोलिक एसिड, विटामिन C, फाइबर और एंटीऑक्सिडेंट्स देते हैं – जो न सिर्फ नॉजिया और थकान को कम करते हैं, बल्कि बच्चे के दिमाग और शरीर के विकास में भी अहम भूमिका निभाते हैं।

भारत में, जहां लगभग 70% महिलाएं पोषण की कमी से जूझती हैं, फल और सब्जियां एक आसान, सस्ती और हर जगह उपलब्ध डाइट का हिस्सा हो सकती हैं।

 

सेब, केला, संतरा और पालक – सुपरफूड्स के फायदे

सेब

  • फायदे:

    • फाइबर (4 ग्राम प्रति सेब) → कब्ज से राहत।

    • विटामिन C (8 mg) → इम्यूनिटी बूस्ट।

    • एंटीऑक्सिडेंट्स → जन्म दोष का रिस्क कम।

  • कैसे खाएं: सलाद में या कच्चा। छिलके समेत खाना ज्यादा फायदेमंद है।

केला

  • फायदे:

    • पोटैशियम (422 mg) → ऐंठन रोकता है।

    • विटामिन B6 (0.4 mg) → नॉजिया कम करता है।

    • नेचुरल एनर्जी देता है।

  • कैसे खाएं: स्मूदी, नाश्ते या स्नैक के रूप में। लेकिन बहुत ज़्यादा पका हुआ केला न लें।

संतरा

  • फायदे:

    • फोलिक एसिड (40 mcg) → बच्चे का न्यूरल ट्यूब विकास।

    • विटामिन C (70 mg) → आयरन का अवशोषण बढ़ाता है।

  • कैसे खाएं: जूस या सीधे फल के रूप में। साथ ही, ये शरीर को हाइड्रेट भी रखता है।

पालक

  • फायदे:

    • फोलिक एसिड (58 mcg प्रति कप) → जन्म दोष से बचाव।

    • आयरन (2.7 mg) → एनीमिया रोकने में मददगार।

  • कैसे खाएं: सूप, सलाद या हल्का पका कर।

 

अन्य फायदे

  • नॉजिया और उल्टी को कम करने में मदद।

  • पाचन बेहतर बनाते हैं।

  • शरीर की इम्यूनिटी मजबूत करते हैं।

टिप: रोज़ाना 2-3 फल और 1-2 कटोरी सब्जियां ज़रूर खाएं। हमेशा अच्छे से धोकर ही सेवन करें।

 

मौसमी फल – मौसम के अनुसार हेल्दी विकल्प

  • सर्दियों में: संतरा, अमरूद → फोलिक एसिड और विटामिन C से भरपूर।

  • गर्मियों में: तरबूज → शरीर को हाइड्रेट रखता है। सेब भी अच्छा विकल्प है।

  • बरसात में: नाशपाती और जामुन → एंटीऑक्सिडेंट्स से भरपूर।

ध्यान रखें: कच्चे या अधपके फल (जैसे पपीता) गर्भावस्था के पहले महीनों में न खाएं।

 

फल और सब्जियों की तालिका

फल/सब्जी

पोषक तत्व

फायदे

मात्रा (प्रतिदिन)

सेब

विटामिन सी, फाइबर

कब्ज रोकता है

1-2

केला

पोटैशियम, बी6

नॉजिया कम

1

संतरा

फोलिक एसिड, सी

प्रतिरक्षा बढ़ाता है

1

पालक

फोलिक एसिड, आयरन

एनीमिया रोकता है

1 कप

स्रोत:

  1. WHO Maternal Nutrition: https://www.who.int/health-topics/maternal-health

  2. BabyCenter India (2025): https://www.babycenter.in/pregnancy-hindi/diet-and-n-n-nuts-in-pregnancy-25042036

  3. Navbharat Times (2025): https://navbharattimes.indiatimes.com/lifestyle/family/eat-these-vegetables-during-pregnancy-in-hindi/articleshow/75992354.cms


 

5. पहले महीने में ड्राई फ्रूट्स और नट्स

गर्भावस्था के पहले महीने में ड्राई फ्रूट्स और नट्स आपकी डाइट के लिए छोटे-से लेकिन बेहद ताक़तवर साथी साबित हो सकते हैं। इनमें मौजूद ऊर्जा, आयरन, कैल्शियम और ओमेगा-3 फैटी एसिड्स न सिर्फ थकान और कमजोरी को कम करते हैं, बल्कि नॉजिया और मूड स्विंग्स में भी राहत देते हैं।

भारत में, जहां लगभग 60% महिलाएं आयरन की कमी (एनीमिया) से प्रभावित हैं, ऐसे में रोज़ाना थोड़ी मात्रा में नट्स और ड्राई फ्रूट्स लेना बहुत फायदेमंद माना जाता है।

 

बादाम और किशमिश की सही मात्रा और फायदे

बादाम

  • मात्रा: 8–10 बादाम (20–25 ग्राम, लगभग 160 कैलोरी) – भिगोकर खाना बेहतर है।

  • फायदे:

    • कैल्शियम (70 mg) → बच्चे की हड्डियों और दांतों के विकास में मदद।

    • विटामिन E (7 mg) → त्वचा और टिश्यू की हेल्दी ग्रोथ।

    • मैग्नीशियम → थकान और चिड़चिड़ापन कम करता है।

 किशमिश

  • मात्रा: 1 मुट्ठी (15–20 ग्राम, लगभग 60 कैलोरी) – भिगोकर या सलाद/दलिया में मिलाकर खाएं।

  • फायदे:

    • आयरन (1.3 mg) → एनीमिया रोकने में सहायक।

    • फाइबर (1 g) → कब्ज से राहत।

    • नेचुरल शुगर → तुरंत ऊर्जा देती है।

अन्य ड्राई फ्रूट्स

  • खजूर (2–3 रोज़) → आयरन और त्वरित ऊर्जा का बेहतरीन स्रोत।

 

ड्राई फ्रूट्स कब खाएं?

  • सुबह: नाश्ते में दलिया या दूध के साथ, दिनभर ऊर्जा के लिए।

  • मध्य सुबह: स्नैक के रूप में, खासकर नॉजिया होने पर।

  • रात: 1–2 खजूर या बादाम दूध के साथ → अच्छी नींद और रिलैक्सेशन के लिए।

 

पहले महीने में ड्राई फ्रूट्स और नट्स की तालिका

ड्राई फ्रूट/नट

मात्रा (प्रतिदिन)

मुख्य पोषक तत्व

फायदे

बादाम

8-10

कैल्शियम, विटामिन ई

हड्डी विकास, थकान कम

किशमिश

1 मुट्ठी

आयरन, फाइबर

एनीमिया रोकता, कब्ज कम

खजूर

2-3

आयरन, पोटैशियम

ऊर्जा, ऐंठन रोकता है

स्रोत:

  1. OnlyMyHealth (2024): https://www.onlymyhealth.com/best-dry-fruit-to-consume-during-pregnancy-and-right-way-to-add-in-diet-in-hindi-1711602955

  2. MyUpchar (2020): https://www.myupchar.com/pregnancy/diet/benefits-side-effects-of-dry-fruits-during-pregnancy


 

6. पहले महीने में प्रोटीन और डेयरी प्रोडक्ट्स

गर्भावस्था के पहले महीने में प्रोटीन और डेयरी प्रोडक्ट्स बच्चे के स्वस्थ विकास की नींव रखते हैं।

  • प्रोटीन भ्रूण के ऊतकों और अंगों के निर्माण के लिए बेहद जरूरी है।

  • कैल्शियम (डेयरी से मिलने वाला) बच्चे की हड्डियों और दांतों के लिए अनिवार्य है।

भारत में, जहां लगभग 52% महिलाएं एनीमिया से जूझ रही हैं, प्रोटीन और कैल्शियम युक्त आहार – जैसे दाल, दूध और पनीर – और भी महत्वपूर्ण हो जाते हैं।

 

दालें – प्रोटीन और फोलिक एसिड का खज़ाना

  • फायदे:

    • 1 कप मूंग दाल → करीब 14 ग्राम प्रोटीन।

    • फोलिक एसिड → एनीमिया से बचाव और बच्चे की कोशिका वृद्धि में सहायक।

  • कैसे खाएं:

    • दाल, खिचड़ी या स्प्राउट्स के रूप में।

    • रोज़ाना 1–2 कटोरी दाल ज़रूर शामिल करें।

 

 दूध – कैल्शियम और एनर्जी का बेस्ट सोर्स

  • फायदे:

    • 1 गिलास दूध → 300 mg कैल्शियम + 8 ग्राम प्रोटीन।

    • हड्डियों और दांतों के विकास के लिए ज़रूरी।

  • मात्रा:

    • 1–2 गिलास प्रतिदिन (कुल 300–600 mg कैल्शियम)।

  • कैसे पिएं:

    • सादा दूध, स्मूदी, दही, या फिर हल्दी/केसर दूध।

 

पनीर – हेल्दी प्रोटीन और कैल्शियम

  • फायदे:

    • 100 ग्राम पनीर → 14 ग्राम प्रोटीन और 200 mg कैल्शियम।

    • मसल्स और हड्डियों को मजबूत करता है।

  • कैसे खाएं:

    • सब्जी, भुर्जी या सलाद में।

    • 100–150 ग्राम पनीर रोज़ाना लेना फायदेमंद है।

 

वेजिटेरियन ऑप्शन्स

अगर आप नॉन-वेज नहीं खातीं, तो चिंता की ज़रूरत नहीं। शाकाहारी विकल्प भी उतने ही पौष्टिक हैं:

  • सोया और टोफू: 100 ग्राम में 10 ग्राम प्रोटीन + आयरन।

  • स्प्राउट्स (मूंग, चना): प्रोटीन और फोलिक एसिड से भरपूर।

 

प्रोटीन और डेयरी की तालिका

भोजन

मात्रा (प्रतिदिन)

मुख्य पोषक तत्व

फायदे

मूंग दाल

1 कप

प्रोटीन 14 ग्राम

भ्रूण विकास

दूध

1-2 गिलास

कैल्शियम 300 mg

हड्डी मजबूती

पनीर

100 ग्राम

प्रोटीन 14 ग्राम

ऊर्जा और कैल्शियम

स्रोत:

  1. DrRitaBakshi.in (2025): https://drritabakshi.in/pregnancy-diet-plan-in-hindi/

  2. OnlyMyHealth (2022): https://www.onlymyhealth.com/best-protein-rich-foods-during-pregnancy-in-hindi-1645181845


 

7. पहले महीने में क्या नहीं खाना चाहिए?

गर्भावस्था की शुरुआत में सही आहार जितना ज़रूरी है, उतना ही ज़रूरी है गलत खाने से बचना। कई बार लापरवाही से खाए गए खाद्य पदार्थ गर्भपात, जन्म दोष या बच्चे के विकास में गंभीर समस्याएं पैदा कर सकते हैं।

भारत में, जहां लगभग 52% महिलाएं एनीमिया से प्रभावित हैं, सुरक्षित और हेल्दी खाने की आदतें अपनाना और भी ज़्यादा अहम हो जाता है। आइए विस्तार से जानते हैं कि पहले महीने में किन चीज़ों से दूरी बनाना चाहिए।

 

कच्चा या अधपका मांस

  • क्यों न खाएं:
    कच्चा या अधपका मांस (चिकन, मछली, अंडा) बैक्टीरिया जैसे साल्मोनेला, लिस्टेरिया और परजीवी (टॉक्सोप्लाज्मोसिस) का खतरा बढ़ाता है।

  • खतरे:

    • गर्भपात

    • जन्म दोष

    • बच्चे में मस्तिष्क क्षति

  • टिप्स:

    • मांस को कम से कम 74°C तक अच्छे से पकाएं।

    • सुशी या कच्ची मछली से पूरी तरह बचें।

 

कैफीन

  • क्यों न खाएं/पीएं:
    ज़्यादा कैफीन (कॉफी, चाय, कोल्ड ड्रिंक) गर्भपात और बच्चे का जन्म वजन कम होने का खतरा बढ़ाता है।

  • खतरे:

    • 200 mg से अधिक कैफीन (लगभग 2 कप चाय/कॉफी) सुरक्षित नहीं।

  • टिप्स:

    • हर्बल चाय (जैसे पुदीना) चुनें।

    • कॉफी को सीमित मात्रा तक ही लें।

 

जंक फूड

  • क्यों न खाएं:
    पिज़्ज़ा, चिप्स, बर्गर जैसे जंक फूड में फैट और शुगर की मात्रा ज़्यादा होती है, जो गेस्टेशनल डायबिटीज का रिस्क बढ़ाते हैं।

  • खतरे:

    • मोटापा

    • हाई ब्लड प्रेशर

    • बच्चे में भविष्य की स्वास्थ्य समस्याएं

 

अन्य परहेज की लिस्ट

  • कच्चा पपीता और अनानास: गर्भाशय संकुचन का खतरा।

  • अनपाश्चुरीकृत डेयरी: लिस्टेरिया इन्फेक्शन का रिस्क।

  • अल्कोहल और तंबाकू: पूरी तरह से परहेज करें।

 

परहेज की तालिका

खाद्य पदार्थ

कारण

खतरे

विकल्प

कच्चा मांस

बैक्टीरिया

गर्भपात

अच्छी तरह पका मांस

कैफीन

रक्तचाप बढ़ाता है

कम जन्म वजन

हर्बल चाय

जंक फूड

चीनी अधिक

डायबिटीज

घरेलू स्नैक (फल)

स्रोत:

  1. Live Hindustan (2025): https://www.livehindustan.com/lifestyle/health/story-food-to-avoid-during-first-month-of-pregnancy-8161632.html

  2. WHO Maternal Nutrition: https://www.who.int/health-topics/maternal-health

 

8. पहले महीने में डाइट चार्ट और आसान रेसिपी

गर्भावस्था के पहले महीने में डाइट हल्की, पौष्टिक और आसानी से पचने वाली होनी चाहिए। इस समय नॉजिया (जी मिचलाना) और थकान आम लक्षण हैं, इसलिए ज़रूरी है कि भोजन ज़्यादा भारी न हो और दिनभर छोटे-छोटे हिस्सों में लिया जाए।

भारत में ज़्यादातर महिलाएं घरेलू रेसिपीज़ को प्राथमिकता देती हैं। ऐसे में एक सही दैनिक और साप्ताहिक डाइट चार्ट और कुछ आसान रेसिपी आपके पहले महीने को हेल्दी और आरामदायक बना सकती हैं।

दैनिक डाइट चार्ट (1500–1800 कैलोरी, नॉजिया को ध्यान में रखकर)

  • सुबह (7 AM): 1 कप नींबू पानी + 2 बिस्किट

  • नाश्ता (8 AM): 1 कटोरी दलिया (दूध के साथ) + 1 केला

  • मध्य सुबह (10 AM): 1 संतरा + 5 बादाम

  • दोपहर (1 PM): 2 रोटी + मूंग दाल + पालक सब्जी + दही

  • शाम (4 PM): 1 कप अदरक चाय + भुना चना

  • रात (7 PM): खिचड़ी + गाजर सलाद

  • सोने से पहले: 1 गिलास दूध

 

साप्ताहिक डाइट चार्ट (उदाहरण)

  • सोमवार: नाश्ता – दलिया; दोपहर – दाल + रोटी; रात – खिचड़ी

  • मंगलवार: नाश्ता – उपमा; दोपहर – राजमा + चावल; रात – दही चावल

 

आसान और हेल्दी रेसिपीज़

मूंग दाल खिचड़ी (प्रोटीन + आयरन)

  • सामग्री: ½ कप मूंग दाल, ½ कप चावल, 1 गाजर, मसाले (हल्दी, जीरा)

  • विधि: दाल और चावल भिगो लें। प्रेशर कुकर में सब्जी और मसाले डालकर पकाएं।

  • समय: 20 मिनट

  • फायदा: नॉजिया के समय हल्की और पचने में आसान।

 

पालक सूप (फोलिक एसिड + आयरन)

  • सामग्री: 200 ग्राम पालक, 1 प्याज, लहसुन, नमक

  • विधि: पालक उबालकर पीस लें। प्याज और लहसुन भूनकर पालक में मिलाएं।

  • समय: 15 मिनट

  • फायदा: खून की कमी दूर करता है और हल्का भोजन है।

 

केला स्मूदी (विटामिन B6 + पोटैशियम)

  • सामग्री: 1 केला, 1 गिलास दूध, शहद

  • विधि: सबको मिलाकर ब्लेंड करें।

  • समय: 5 मिनट

  • फायदा: नाश्ते के लिए परफेक्ट, एनर्जी और नॉजिया में राहत देता है।

 

भारतीय संदर्भ: घरेलू रेसिपी जैसे खिचड़ी सस्ती और पौष्टिक हैं।

स्रोत:

  1. DrRitaBakshi.in (2025): https://drritabakshi.in/pregnancy-diet-plan-in-hindi/

  2. Metropolis India (2024): https://www.metropolisindia.com/blog/hindi/pregnancy-diet-plan-in-hindi


 

9. पहले महीने में वेजिटेरियन और वीगन डाइट

गर्भावस्था के पहले महीने में अक्सर सबसे बड़ी चिंता यही होती है कि कहीं प्रोटीन, आयरन या फोलिक एसिड की कमी न रह जाए। अगर आप शाकाहारी हैं या वीगन डाइट फॉलो करती हैं, तो थोड़ी प्लानिंग से आप आसानी से अपनी ज़रूरत पूरी कर सकती हैं। इस अध्याय में हम शाकाहारी और वीगन डाइट, दोनों के लिए आसान विकल्पों और डाइट चार्ट पर नज़र डालेंगे।

शाकाहारी (Vegetarian) आहार प्लान

प्रोटीन:

  • मूंग दाल (1 कप = 14 ग्राम प्रोटीन)

  • पनीर (100 ग्राम = 14 ग्राम प्रोटीन)

  • दूध और दही

आयरन:

  • पालक, चुकंदर (विटामिन C के साथ लेने पर और अच्छा अवशोषण होता है)

फोलिक एसिड:

  • मसूर दाल, ब्रोकोली

कैल्शियम:

  • दही (1 गिलास = 200 मिलीग्राम कैल्शियम)

  • पनीर

शाकाहारी डाइट चार्ट (उदाहरण)

  • नाश्ता: दूध + दलिया

  • दोपहर: रोटी + दाल + पालक

  • रात: खिचड़ी + दही

 

 

वीगन डाइट में पोषण कैसे पूरा करें

वीगन डाइट में डेयरी और एनिमल प्रोडक्ट्स नहीं होते, इसलिए पोषण संतुलित करना और भी ज़रूरी हो जाता है।

प्रोटीन:

  • सोया, टोफू, दालें

आयरन और कैल्शियम:

  • अलसी के बीज, काले (kale), किशमिश

विटामिन B12 और ओमेगा-3:

  • डॉक्टर द्वारा सुझाए गए सप्लीमेंट्स

  • चिया सीड्स

 

वेजिटेरियन/वीगन प्लान की तालिका

पोषक तत्व

वेजिटेरियन स्रोत

वीगन स्रोत

मात्रा (प्रतिदिन)

प्रोटीन

दालें, पनीर

सोया, टोफू

60 ग्राम

आयरन

पालक, दाल

चुकंदर, किशमिश

27 mg

फोलिक एसिड

ब्रोकोली, दाल

संतरा, मसूर

400 mcg

स्रोत:

  1. Max Healthcare (2025): https://www.maxhealthcare.in/blogs/hi/indian-diet-plan-pregnancy


 

पहले महीने में विशेष मामलों में आहार (एनीमिया और नॉजिया)

गर्भावस्था के पहले महीने में हर महिला का अनुभव अलग होता है। लेकिन कुछ समस्याएँ ऐसी हैं जो ज़्यादातर महिलाओं को प्रभावित करती हैं—एनीमिया और नॉजिया।
भारत की स्थिति देखें तो:

  • लगभग 52% महिलाएँ एनीमिया से पीड़ित हैं (NFHS-5 के अनुसार)।

  • वहीं 60% महिलाएँ नॉजिया यानी जी मिचलाना महसूस करती हैं।

ऐसे में इन विशेष मामलों के लिए सही डाइट और घरेलू उपाय जानना बेहद ज़रूरी है।

एनीमिया रोकथाम के लिए डाइट

आयरन युक्त आहार:

  • पालक (2.7 mg प्रति कप आयरन)

  • अनार

  • मसूर दाल

भारतीय घरेलू उपाय:

  • चुकंदर का जूस

  • गुड़ (jaggery)

 

नॉजिया (जी मिचलाना) के लिए डाइट

हल्का भोजन जो आराम दे सकता है:

  • बिस्किट

  • दलिया

  • केला

 

विशेष मामलों की तालिका

स्थिति

उपाय

भोजन

खतरे

एनीमिया

आयरन सप्लीमेंट्स

पालक, अनार

थकान, गर्भपात

नॉजिया

अदरक चाय

केला, टोस्ट

निर्जलीकरण

स्रोत:

  1. MyUpchar (2021): https://www.myupchar.com/pregnancy/garbhavastha-me-khoon-ki-kami-in-hindi/diet

  2. MSD Manuals (2025): https://www.msdmanuals.com/hi/home/women-s-health-issues/normal-pregnancy/anemia-during-pregnancy


 

पहले महीने में घरेलू उपाय और टिप्स

गर्भावस्था के पहले महीने में थकान और कमजोरी आम अनुभव हैं। शरीर नई परिस्थितियों के हिसाब से ढल रहा होता है, इसलिए थोड़ा थकान महसूस होना सामान्य है। लेकिन चिंता की बात नहीं—कुछ घरेलू उपाय और छोटे-छोटे बदलाव आपको इस समय बेहतर महसूस करा सकते हैं।

थकान और कमजोरी के लिए घरेलू उपाय

  • अदरक और शहद का मिश्रण (1 चम्मच): थकान कम करता है और ऊर्जा देता है।

  • अनार का जूस (1 गिलास): आयरन से भरपूर, खून की कमी को पूरा करने में मददगार।

  • सौंफ का पानी (1 कप): पाचन सुधारता है और हल्कापन महसूस कराता है।

टिप्स:

  • रोज़ाना 7–9 घंटे की नींद ज़रूर लें।

  • हल्का योग या प्राणायाम ऊर्जा और सुकून दोनों देगा।

भारतीय नुस्खे:

  • जीरे का पानी

  • सौंफ चबाना — दोनों ही थकान और पाचन समस्याओं को कम करने में मददगार।

 

हाइड्रेशन (पानी का महत्व)

उपाय:

  • रोज़ाना 8–10 गिलास पानी पिएं।

  • चाहें तो नींबू पानी या नारियल पानी भी शामिल करें।

फायदे:

  • नॉजिया और थकान कम करता है।

  • त्वचा को हाइड्रेटेड और ग्लोइंग बनाए रखता है।

घरेलू उपायों की तालिका

समस्या

उपाय

सामग्री

फायदे

थकान

अदरक शहद

1 चम्मच

ऊर्जा बढ़ाता है

कमजोरी

अनार जूस

1 गिलास

आयरन देता है

पाचन

सौंफ पानी

1 कप

गैस कम करता है

स्रोत:

  1. Care Insurance (2023): https://www.careinsurance.com/blog/health-insurance-articles/what-should-not-be-done-in-pregnancy-know-everything-in-hindi

  2. Vinsfertility (2025): https://www.vinsfertility.com/hindi/ek-mahine-ki-pregnancy-kaise-hataye-gharelu-upay/


 

पहले महीने में मिथक और तथ्य

गर्भावस्था के पहले महीने में सबसे ज़्यादा उलझन सिर्फ आहार या देखभाल को लेकर नहीं होती, बल्कि उन मिथकों और भ्रांतियों को लेकर होती है जो पीढ़ी दर पीढ़ी चली आ रही हैं। ये सांस्कृतिक मान्यताएँ कई बार महिलाओं को सही जानकारी से भटका देती हैं। आइए जानते हैं कुछ आम मिथक और उनके पीछे के तथ्य।

सामान्य भ्रांतियां और तथ्य

मिथक: पहले महीने में “दो लोगों के लिए खाना चाहिए”
तथ्य: WHO (2025) के अनुसार केवल 300 अतिरिक्त कैलोरी की ज़रूरत होती है, न कि दोगुना खाना।

मिथक: “कच्चा पपीता गर्भपात कर देता है”
तथ्य: कच्चा पपीता गर्भाशय संकुचन का जोखिम बढ़ाता है, लेकिन पका हुआ पपीता सुरक्षित है।

मिथक: “दूध से बच्चा गोरा होता है”
तथ्य: बच्चे का रंग पूरी तरह जेनेटिक्स पर निर्भर है, दूध से इसका कोई संबंध नहीं।

मिथक: “नॉजिया का मतलब है बच्चा स्वस्थ है”
तथ्य: नॉजिया गर्भावस्था में सामान्य है, लेकिन अगर बहुत ज्यादा या लगातार हो तो डॉक्टर से सलाह लें।

मिथक: “पहले महीने में नॉन-वेज नहीं खाना चाहिए”
तथ्य: अगर नॉन-वेज अच्छी तरह पकाया गया हो तो सुरक्षित है। हाँ, वेजिटेरियन विकल्प भी उतने ही पौष्टिक हो सकते हैं।

 

सांस्कृतिक कलंक

भारत में गर्भावस्था को लेकर कई ऐसी मान्यताएँ हैं जो महिलाओं पर दबाव डालती हैं। जैसे:

  • “कुछ खास खाने से बच्चे का लिंग तय हो सकता है।”

  • “नॉजिया सहन करना चाहिए, ये बच्चे की सेहत के लिए अच्छा है।”

इन भ्रांतियों का असर इतना होता है कि NFHS-5 के अनुसार लगभग 20% महिलाएँ इन मिथकों के कारण समय पर जांच नहीं करातीं।

 

मिथक और तथ्यों की तालिका

मिथक

तथ्य

कारण

दो लोगों के लिए खाना

300 कैलोरी अतिरिक्त

अत्यधिक खाना मोटापा बढ़ाता है

कच्चा पपीता गर्भपात करता है

कच्चा जोखिम बढ़ाता है

पका सुरक्षित

दूध से गोरा बच्चा

रंग जेनेटिक्स

आहार प्रभाव नहीं करता

स्रोत:

  1. OnlyMyHealth (2024): https://www.onlymyhealth.com/important-nutrition-in-first-trimester-pregnancy-diet-plan-expert-explained-in-hindi-1729837971

  2. Metropolis India (2024): https://www.metropolisindia.com/blog/hindi/pregnancy-diet-plan-in-hindi

  3. WHO (2025): https://www.who.int/health-topics/maternal-health


 

पहले महीने में स्वास्थ्य जांच और डॉक्टर की सलाह

गर्भावस्था की शुरुआत में सबसे ज़रूरी कदम है समय पर जांच और डॉक्टर की सलाह। इससे न केवल प्रेगनेंसी की पुष्टि होती है, बल्कि संभावित जोखिमों का आकलन भी हो जाता है।
भारत में स्थिति देखें तो लगभग 20% महिलाएँ समय पर जांच नहीं करातीं (NFHS-5), जिसके चलते कई बार जटिलताएँ बढ़ जाती हैं। इसलिए जागरूक रहना बेहद जरूरी है।

जांच कब कराएं?

  • होम प्रेगनेंसी टेस्ट: पीरियड मिस होते ही करें। इसकी सटीकता लगभग 80% होती है।

  • डॉक्टर जांच: टेस्ट पॉजिटिव आते ही तुरंत डॉक्टर से मिलें।

    • अल्ट्रासाउंड (5–6 सप्ताह): भ्रूण की सही स्थिति और धड़कन की पुष्टि करता है।

  • रक्त जांच:

    • हीमोग्लोबिन

    • ब्लड ग्रुप

    • थायरॉइड

    • एचआईवी

कब सतर्क हों: अगर शुरुआती दिनों में रक्तस्राव या पेट दर्द हो, तो तुरंत डॉक्टर से संपर्क करें।

सप्लीमेंट्स की ज़रूरत

  • फोलिक एसिड: 400 mcg प्रतिदिन – यह बच्चे के जन्म दोष रोकने में मदद करता है।

  • आयरन: 27 mg – एनीमिया से बचाव के लिए।

  • विटामिन B6: नॉजिया कम करने के लिए उपयोगी।

 

स्वास्थ्य जांच की तालिका

जांच

कब

उद्देश्य

लागत (रुपये)

होम टेस्ट

पीरियड मिस होने पर

पुष्टि

50-100

अल्ट्रासाउंड

5-6 सप्ताह

भ्रूण जांच

500-1500

रक्त टेस्ट

पहली विजिट

एनीमिया/थायरॉइड

500-1000

स्रोत:

  1. Felix Hospital (2025): https://www.felixhospital.com/blogs/key-things-to-remember-in-the-first-trimester-of-pregnancy

 

निष्कर्ष: पहले महीने में स्वस्थ गर्भावस्था के लिए संसाधन

गर्भावस्था का पहला महीना नए अनुभवों, सवालों और चुनौतियों से भरा होता है। इस पूरे गाइड में हमने पोषण, लक्षण प्रबंधन, घरेलू उपाय, और जांच से जुड़ी सबसे ज़रूरी बातें कवर की हैं। अब आइए एक नज़र डालते हैं उन मुख्य बिंदुओं पर जिन्हें ध्यान में रखकर आप अपनी प्रेगनेंसी को और सुरक्षित व स्वस्थ बना सकती हैं।

मुख्य Takeaways

  • लक्षण प्रबंधन: नॉजिया और थकान को हल्के, छोटे-छोटे भोजन से कंट्रोल किया जा सकता है।

  • पोषण फोकस: फोलिक एसिड और आयरन इस समय बेहद ज़रूरी हैं। अपनी डाइट में फल, हरी सब्जियाँ और दालें ज़रूर शामिल करें।

  • परहेज: कच्चा मांस, अधपका अंडा, ज़्यादा कैफीन और जंक फूड से दूर रहें।

  • घरेलू उपाय: अदरक और नींबू जैसे आसान नुस्खे नॉजिया को कम करने में मददगार हैं।

  • जांच: होम प्रेगनेंसी टेस्ट पॉजिटिव आते ही डॉक्टर से ज़रूर मिलें और शुरुआती टेस्ट कराएँ।

  • मिथक भंजन: “दो लोगों के लिए खाना चाहिए” या “दूध से बच्चा गोरा होगा” जैसे मिथक सिर्फ भ्रम हैं। सही जानकारी अपनाना ही सबसे सुरक्षित रास्ता है।

 

आगे पढ़ने के संसाधन

स्वस्थ गर्भावस्था के टिप्स

  • दैनिक रूटीन: 7-9 घंटे नींद, हल्का व्यायाम।

  • हाइड्रेशन: 8-10 गिलास पानी।

  • तनाव प्रबंधन: ध्यान, परिवार समर्थन।

  • भारतीय टिप्स: घरेलू नुस्खे जैसे सौंफ पानी।

 

FAQ: 1 महीने की प्रेगनेंसी में क्या खाना चाहिए

Q: 1 महीने की प्रेगनेंसी में क्या खाना चाहिए? (What should you eat in the first month of pregnancy?)
A: हल्का और पौष्टिक आहार लें, जैसे पालक, संतरा, दालें, दूध, और साबुत अनाज। फोलिक एसिड और आयरन जरूरी हैं।
Source: ICMR-NIN Dietary Guidelines, https://www.nin.res.in/ 

 

Q: गर्भावस्था पहले महीने में पोषण का महत्व क्या है? (Why is nutrition important in the first month?)
A: पोषण बच्चे के न्यूरल ट्यूब विकास और मां की ऊर्जा के लिए जरूरी है; यह जन्म दोष और गर्भपात का जोखिम कम करता है।
Source: WHO Maternal Nutrition, https://www.who.int/health-topics/maternal-health

 

Q: 1 महीने की प्रेगनेंसी में आयरन रिच फूड कौन से हैं? (Which are iron-rich foods in the first month?)
A: पालक, अनार, चुकंदर, मसूर दाल, और किशमिश आयरन देते हैं; विटामिन सी के साथ लें।

 

Q: गर्भावस्था पहले महीने में फोलिक एसिड फूड क्या हैं? (Folic acid foods in the first month?)
A: पालक, संतरा, मसूर दाल, और ब्रोकोली फोलिक एसिड देते हैं; 400 mcg प्रतिदिन चाहिए।
Source: ICMR-NIN, https://www.nin.res.in/ 

 

Q: प्रेगनेंसी में नॉजिया में क्या खाएं? (What to eat for nausea in pregnancy?)
A: हल्का भोजन जैसे बिस्किट, केला, और अदरक चाय नॉजिया कम करते हैं।
Source: Navbharat Times (2025), https://navbharattimes.indiatimes.com/lifestyle/family/use-these-home-remedies-for-nausea-and-vomiting-during-pregnancy/articleshow/73658353.cms 

 

Q: गर्भावस्था पहले महीने में उल्टी रोकने के उपाय? (How to stop vomiting in the first month?)
A: छोटे-छोटे भोजन, नींबू पानी, और सौंफ चबाना उल्टी रोकता है।
Source: Miracles Health, https://www.miracleshealth.com/blog/vomiting-during-pregnancy-dont-ignore-it-in-hindi 

 

Q: 1 महीने की प्रेगनेंसी में फल क्या खाएं? (Which fruits to eat in the first month?)
A: सेब, केला, संतरा, और अनार फोलिक एसिड और विटामिन सी देते हैं; कच्चा पपीता न खाएं।
Source: BabyCenter India (2025), https://www.babycenter.in/pregnancy-hindi/diet-and-n-n-nuts-in-pregnancy-25042036 

 

Q: गर्भावस्था पहले महीने में सब्जियां हिंदी में? (Vegetables in the first month in Hindi?)
A: पालक, गाजर, और ब्रोकोली फोलिक एसिड और आयरन प्रदान करते हैं; हल्का पकाएं।
Source: Navbharat Times (2025), https://navbharattimes.indiatimes.com/lifestyle/family/eat-these-vegetables-during-pregnancy-in-hindi/articleshow/75992354.cms 

 

Q: प्रेगनेंसी में ड्राई फ्रूट्स पहले महीने कितने खाएं? (How many dry fruits in the first month?)
A: 8-10 बादाम, 1 मुट्ठी किशमिश, और 2-3 खजूर प्रतिदिन; भिगोकर खाएं।
Source: Cloudnine Hospitals (2024), https://www.cloudninecare.com/blog/7-dry-fruits-to-have-during-pregnancy 

 

Q: गर्भावस्था पहले महीने में नट्स के फायदे? (Benefits of nuts in the first month?)
A: बादाम (कैल्शियम), किशमिश (आयरन) थकान और एनीमिया कम करते हैं।
Source: OnlyMyHealth (2024), https://www.onlymyhealth.com/best-dry-fruit-to-consume-during-pregnancy-and-right-way-to-add-in-diet-in-hindi-1711602955 

 

Q: 1 महीने की प्रेगनेंसी में प्रोटीन फूड? (Protein foods in the first month?)
A: दालें (मूंग, चना), पनीर, और दूध प्रोटीन (50-60 ग्राम प्रतिदिन) देते हैं।
Source: Max Healthcare (2025), https://www.maxhealthcare.in/blogs/hi/indian-diet-plan-pregnancy 

 

Q: गर्भावस्था पहले महीने में दूध कितना पिएं? (How much milk in the first month?)
A: 1-2 गिलास दूध (300-600 मिलीग्राम कैल्शियम) प्रतिदिन; हल्दी या केसर के साथ।
Source: DrRitaBakshi.in (2025), https://drritabakshi.in/pregnancy-diet-plan-in-hindi/ 

 

Q: प्रेगनेंसी में क्या नहीं खाना चाहिए पहले महीने? (What not to eat in the first month?)
A: कच्चा मांस, अत्यधिक कैफीन, और जंक फूड से बचें; ये गर्भपात का जोखिम बढ़ाते हैं।
Source: TheHealthSite (2025), https://www.thehealthsite.com/hindi/pregnancy/foods-to-avoid-in-first-month-of-pregnancy-in-hindi-1238535/ 

 

Q: गर्भावस्था पहले महीने में परहेज लिस्ट? (Avoidance list in the first month?)
A: कच्चा पपीता, अनपाश्चुरीकृत दूध, और अल्कोहल से बचें।
Source: Live Hindustan (2025), https://www.livehindustan.com/lifestyle/health/story-food-to-avoid-during-first-month-of-pregnancy-8161632.html 

 

Q: 1 महीने की प्रेगनेंसी डाइट चार्ट हिंदी में? (Diet chart for the first month in Hindi?)
A: छोटे भोजन: बिस्किट, दलिया, पालक, दाल, और दूध; 1500-1800 कैलोरी प्रतिदिन।

 

Q: गर्भावस्था पहले महीने में इंडियन फूड रेसिपी? (Indian food recipes in the first month?)
A: मूंग दाल खिचड़ी, पालक सूप, और केला स्मूदी हल्के और पौष्टिक हैं।
Source: Paras Hospitals (2025), https://www.parashospitals.com/blogs/hi/pregnancy-diet-chart-kya-khaye-kya-na-khaye 

 

Q: प्रेगनेंसी में वेजिटेरियन डाइट पहले महीने? (Vegetarian diet in the first month?)
A: दालें, पनीर, और पालक प्रोटीन और आयरन देते हैं; 50-60 ग्राम प्रोटीन प्रतिदिन।
Source: Max Healthcare (2025), https://www.maxhealthcare.in/blogs/hi/indian-diet-plan-pregnancy 

 

Q: गर्भावस्था पहले महीने में वीगन फूड? (Vegan food in the first month?)
A: सोया, चिया बीज, और फोर्टिफाइड दूध; बी12 सप्लीमेंट्स लें।
Source: DrRitaBakshi.in (2025), https://drritabakshi.in/pregnancy-diet-plan-in-hindi/ 

 

Q: 1 महीने की प्रेगनेंसी में एनीमिया उपाय? (Remedies for anemia in the first month?)
A: पालक, अनार, और आयरन टैबलेट्स (डॉक्टर सलाह से); विटामिन सी के साथ लें।
Source: MyUpchar (2021), https://www.myupchar.com/pregnancy/garbhavastha-me-khoon-ki-kami-in-hindi/diet 

 

Q: गर्भावस्था पहले महीने में स्वस्थ रहने के टिप्स? (Tips to stay healthy in the first month?)
A: हल्का भोजन, 8-10 गिलास पानी, 7-9 घंटे नींद, और डॉक्टर सलाह से चेकअप।
Source: Surya Hospitals (2025), https://suryahospitals.com/blog/how-to-recognize-pregnancy-or-not-these-are-the-initial-symptoms